भारतीय बल्लेबाज विराट कोहली के लिए पर्थ टेस्ट की पहली पारी निराशाजनक रही। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट में, कोहली सिर्फ 12 गेंदों में आउट हो गए, जब जॉश हेजलवुड की शॉर्ट बॉल ने उन्हें उस्मान ख्वाजा के हाथों स्लिप में कैच आउट कराया।
कोहली के इस प्रदर्शन ने उनकी बल्लेबाजी तकनीक पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पूर्व भारतीय बल्लेबाज संजय मांजरेकर ने कोहली की तकनीकी खामी का जिक्र करते हुए बताया कि हाल के दिनों में वह शॉर्ट गेंदों के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं।
मांजरेकर का विश्लेषण: स्विंग से बचने की कोशिश में नई परेशानी
मांजरेकर ने बताया कि कोहली के स्विंग बॉल से बचने के लिए किए गए बदलाव अब उन्हें शॉर्ट गेंदों के खिलाफ कमजोर बना रहे हैं।
फुल लेंथ गेंद से बचाव पर ज्यादा ध्यान:
"2023 के बाद से, कोहली स्विंगिंग फुल लेंथ गेंदों से आउट होने से बचने के लिए क्रीज के बाहर खड़े होकर फ्रंट फुट पर खेलने पर ध्यान दे रहे हैं। लेकिन अब गेंदबाज उनकी कमजोरी को पहचान कर शॉर्ट बॉल फेंक रहे हैं।"न्यूजीलैंड सीरीज की परेशानी:
मांजरेकर ने याद दिलाया कि न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में भी कोहली शॉर्ट गेंदों के खिलाफ जूझते नजर आए, जहां उन्होंने छह पारियों में सिर्फ 93 रन बनाए।
ऑस्ट्रेलिया में चुनौती
ऑस्ट्रेलियाई पिचों की तेज़ी और उछाल से शॉर्ट गेंदों की प्रभावशीलता बढ़ जाती है। मांजरेकर ने कहा कि कोहली का मौजूदा फ्रंट फुट प्ले उन्हें यहां और अधिक परेशानी में डाल सकता है।
"उन्होंने पूरा ध्यान फ्रंट फुट पर स्विंगिंग फुल लेंथ गेंदों से बचने पर केंद्रित कर दिया है। लेकिन इस कारण से वह अब शॉर्ट गेंदों के खिलाफ कमजोर हो गए हैं," मांजरेकर ने जोड़ा।
कोहली के लिए आगे का रास्ता
कोहली को अपनी तकनीक में बदलाव कर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की रणनीति का जवाब देना होगा। क्या यह महान बल्लेबाज दूसरे पारी में वापसी कर सकेगा? क्रिकेट फैंस को उनके शानदार प्रदर्शन की उम्मीद है।